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उर्दू निदेशालय एक परिचय

बिहार राजभाषा (संशोधन) अधिनियम, 1981(बिहार अधनियम-2, 1981) के आलोक में विभिन्न चरणों में राज्य की द्वितीय राजभाषा के रूप में उर्दू के प्रयोग की स्वीकृति सभी 38 जिलों में प्रदान की गई है। इसके पश्चात् ‘उर्दू निदेशालय’ को निम्नलिखित कार्य आवंटित किये गयेः

द्वितीय राजभाषा के रूप में उर्दू के कार्यान्वयन हेतु अबतक निर्गत सरकारी सूचनाओं/अधिसूचनाओं का कार्यान्वयन तत्परतापूर्वक सुनिश्चित करना। विभागीय उर्दू पत्रिका ‘‘भाषा संगम’’ का नियमित प्रकाशन सुनिश्चित करना। सरकारी नियमों, विनियमों और अधिसूचनाओं का उर्दू में भी प्रकाशन किया जाना। सरकारी आदेशों और परिपत्रों का उर्दू में भी जारी किया जाना। सरकारी विज्ञापनो का उर्दू में भी प्रकाशन। राज्य, प्रमण्डल एवं जिला स्तर पर गठित उर्दू परामर्शदातृ समितियों की अनुशंसाओं पर समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करना। राजकीय साहित्य का उर्दू अनुवाद, गजेटियर तथा कानूनी पुस्तकों का अनुवाद एवं प्रकाशन कार्य। उर्दू अर्जियों/आवेदनो की प्राप्ति और उर्दू में उनका उत्तर सुनिश्चित करना । विभागीय प्रतिवेदन का उर्दू में प्रकाशन। राज्य गजट एवं जिला गजट के उर्दू रूपांतरण का प्रकाशन। ऐसे सभी कार्य जो द्वितीय राजभाषा के रूप में उर्दू के सफल कार्यान्वयन के उद्देश्य से विभागीय सचिव द्वारा सौंपे जाएं।