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परिचय

बिहार राजभाषा (संशोधन) अधिनियम, 1981(बिहार अधनियम-2, 1981) के आलोक में विभिन्न चरणों में राज्य की द्वितीय राजभाषा के रूप में उर्दू के प्रयोग की स्वीकृति सभी 38 जिलों में प्रदान की गई है। इसके पश्चात् ‘उर्दू निदेशालय’ को निम्नलिखित कार्य आवंटित किये गयेः

  • 1. उर्दू में अर्जि़यों और आवेदन-पत्रो की प्राप्ति और उर्दू में उनका उत्तर।
  • 2. उर्दू में लिखित दस्तावेजो को निबंधन कार्यालय द्वारा स्वीकार किया जाना।।
  • 3. सरकारी नियमों, विनियमों और अधिसूचनाओं का उर्दू में भी प्रकाशन।
  • 4. सार्वजनिक महत्त्व के सरकारी आदेशों और परिपत्रों का उर्दू में जारी किया जाना।
  • 5. सरकारी विज्ञापनो का उर्दू में भी प्रकाशन।
  • 6. ज़िला गज़ट के उर्दू रूपान्तर का भी प्रकाशन।
  • 7. संकेत-पट्टों का उर्दू में भी प्रदर्शन।

उर्दू निदेशालय की जिम्मेदारियाँ

संकल्प / ज्ञापांक 1225 /राo , दिनांक 01/12/1995 के तहत उर्दू निदेशालय कि निम्नलिखित जिम्मेदारिया है:-

  • 1. द्वितीय राजभाषा के रूप में उर्दू के कार्यान्वयन हेतु अबतक निर्गत सरकारी सूचनाओं/अधिसूचनाओं का कार्यान्वयन तत्परतापूर्वक सुनिश्चित करना।
  • 2. विभागीय उर्दू पत्रिका ‘‘भाषा संगम’’ का नियमित प्रकाशन सुनिश्चित करना।
  • 3. सरकारी नियमों, विनियमों और अधिसूचनाओं का उर्दू में भी प्रकाशन किया जाना।
  • 4. सरकारी आदेशों और परिपत्रों का उर्दू में भी जारी किया जाना।
  • 5. सरकारी विज्ञापनो का उर्दू में भी प्रकाशन।
  • 6. राज्य, प्रमण्डल एवं जिला स्तर पर गठित उर्दू परामर्शदातृ समितियों की अनुशंसाओं पर समुचित कार्रवाई सुनिश्चित करना।
  • 7. राजकीय साहित्य का उर्दू अनुवाद, गजेटियर तथा कानूनी पुस्तकों का अनुवाद एवं प्रकाशन कार्य।
  • 8. उर्दू अर्जियों/आवेदनो की प्राप्ति और उर्दू में उनका उत्तर सुनिश्चित करना ।
  • 9. विभागीय प्रतिवेदन का उर्दू में प्रकाशन।
  • 10. राज्य गजट एवं जिला गजट के उर्दू रूपांतरण का प्रकाशन।
  • 11. ऐसे सभी कार्य जो द्वितीय राजभाषा के रूप में उर्दू के सफल कार्यान्वयन के उद्देश्य से विभागीय सचिव द्वारा सौंपे जाएं।